November 20, 2023

वृत्त में क़ैद

वृत्त में क़ैद 
गोल गोल घूमती 
धुरी सी माँ !

-आराधना झा श्रीवास्तव

August 13, 2021

रोक लो मुझे

रोक लो मुझे 
मैं तो अवसर हूँ 
मिलूँ न मिलूँ।

-सुरंगमा यादव

हौले से बोले

हौले से बोले 
सवेरे ही सूरज
जाग भी जाओ! 

-तनवीर आलम

फूल तोड़ना

फूल तोड़ना 
प्रकृति के ग्रंथ से
पन्ना फाड़ना

-रामकुमार माथुर

August 10, 2021

वक़्त के किस्से

वक़्त के किस्से
रेखाओं से लिखता
वृद्ध चेहरा !
-विद्या चैहान
 

August 7, 2021

मरी तो आज

मरी तो आज
जीवित ही कब थी
घर की बेटी

-निवेदिता श्री
(हा.द.समूह)

बच्चे-सी बर्फ

बच्चे-सी बर्फ
लिपटी रही माँ से
जमीन पर

-अनूप भार्गव

गाँव का मेला

गाँव का मेला 
सब खरीद लाये
अपनी खुशी

-मनीष मिश्रा मणि

August 6, 2021

बेमानी रिश्ते

बेमानी रिश्ते
सम्बंधों की अर्थियाँ 
रोज़ ही ढोते

-सुशीला शील राणा 
(हाइकु लैब)

फूटा गुब्बारा

फूटा गुब्बारा 
हवा में मिल गईं 
हवा की साँसें

-उमेश मौर्य

फिर जियेगी

फिर जियेगी
बेटी के ही बहाने
माँ बचपन

-अलंकार आच्छा
(हाइकु लैब)

अग्नि कुंड पे

अग्नि कुंड पे
बारिश का हमला
जूझती ज्वाला

-अरुन शर्मा

August 5, 2021

हया ही तो है

हया ही तो है 
सिमटी छुईमुई 
छूते ही देह !

-आभा खरे

बया का स्वर

बया का स्वर
प्यानों में ढूँढ़ रहा
बूढ़ा वादक

-उमेश मौर्य
(हा.द.समूह)

बहा अस्थियाँ

बहा अस्थियाँ
चले तो बोली अम्माँ
दो पल बैठो! 

-महेश चन्द्र सोती 

सागर करे

सागर करे
नमक के गरारे 
चाँद निहारे 

-अलंकार आच्छा
(हाइकु लैब)

घर आँगन

घर आँगन 
मिट्टी से लीपती माँ 
मिट्टी में मिली !

-ममता मिश्रा 
नीदरलैंड्स

हूँ नवांकुर

हूंँ नवांकुर
दरख्तों से सीखता
आसमां छूना !

-केशव यादव

वाइन शॉप

वाइन शाप
अकेले ही पी रही
कई जिंदगी

-गंगा पांडेय भावुक

जाड़ा शैतान

जाड़ा शैतान,
जा घुसा रजाई में
दादा के साथ।

-अमित खरे

पिता के बिना

पिता के बिना
कितनी अकेली हैं
पिता की चीजें !

-गोविन्द सेन
(हाइकु दर्पण अंक-3)