December 20, 2012

कँपकँपाते


कँपकँपाते
जमते सर्द दिन
 अलाव ढूँढ़ें

-डा० सरस्वती माथुर
[फेसबुक से साभार]

1 comment:

डॅा. व्योम said...

अच्छा हाइकु है