Showing posts with label * सुरेश चन्द्र वात्स्यायन. Show all posts
Showing posts with label * सुरेश चन्द्र वात्स्यायन. Show all posts

August 26, 2012

रचता नीड़


रचता नीड़
ले आता बहू नई
रसिया बया।

-सुरेश चन्द्र वात्स्यायन
[हाइकु-१९८९ से साभार]

January 14, 2012

किरण मिली


किरण मिली
सतरंगी हो गयी
आँसू की बूँद।

-सुरेश चन्द्र वात्स्यायन
(हाइकु पत्र 21,  दिसम्बर-1983 से साभार)