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June 20, 2021

रोके खड़ी हैं

रोके खड़ी हैं
मेरे हिस्से की धूप
अट्टालिकाएँ
-सुनीता अग्रवाल नेह

March 9, 2014

बाँटे सुगंध

बाँटे सुगंध
फूलों से लूटकर
विद्रोही हवा

-सुनीता अग्रवाल
[फेसबुक से हाइकु समूह से]

December 14, 2013

बूढ़ी हड्डियाँ

बूढ़ी हड्डियाँ
सहलाने आ गयी 
जाड़े की धूप

-सुनीता अग्रवाल
[फेसबुक हाइकु समूह से]

December 20, 2012

सहला गयी


सहला गयी
घुँघराली लटों को
बेशर्म हवा

-सुनीता अग्रवाल नेह
[फेसबुक से साभार]

मृत जो हुयीं


मृत जो हुयीं
संवेदनायें मेरी
मैं जीती गयी

-सुनीता अग्रवाल नेह
[फेसबुक से साभार]