June 4, 2013

झुलस गई


झुलस गई
तंदूर से दिन में
बेचारी हवा

-योगेन्द्र वर्मा
[ फेसबुक हाइकु समूह से ]

1 comment:

ARUN RUHELA said...

बहुत गहरा.. !!