March 2, 2015

पत्ते चीखते

पत्ते चीखते
ठूँठ नहीं रो पाते
कुचले जाते

-विभा श्रीवास्तव
[फेसबुक हाइकु समूह से]

2 comments:

विभा रानी श्रीवास्तव said...

आभारी हूँ ... बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Unknown said...

वाह ,बहुत बढ़िया ।।।