June 7, 2013

नयी भोर ने


नयी भोर ने
फड़फड़ाये पंख
जागी आशाएँ

-त्रिलोक सिंह ठकुरेला
[फेसबुक हाइकु समूह से]

1 comment:

ARUN RUHELA said...

सच्ची उर्जा और प्रेरणा से भरपूर रचना.. ! वाह !