May 8, 2015

पाषाण सहे

पाषाण सहे
वक़्त-वक़्त की मार
छिद्रों से कहे

-डॉ० रमा द्विवेदी
[फेसबुक हाइकु समूह से]

1 comment:

Rama said...

मेरे भी दो हाइकु चयनित करने के लिए हार्दिक आभार आ.डॉ व्योम जी ...